‘The Secrets of Dumbledore’ देखने वाले हैं? तो जानिए डंबलडोर की 5 सीख, जो आपको हैरी पॉटर जैसा बना देंगी

‘The Secrets of Dumbledore’ देखने वाले हैं? तो जानिए डंबलडोर की 5 सीख, जो आपको हैरी पॉटर जैसा बना देंगी

प्रोफेसर डम्बलडोर, इस नाम की चर्चा इन दिनों काफी हो रही है। हाल ही में Fantastic Beasts का तीसरा पार्ट The Secrets of Dumbledore रिलीज हुआ है। इसे देखने के लिए सिनेमाघर फुल हो चुके हैं और हो भी क्यों न आखिर बात डम्बलडोर की जो है।

हां-हां, वही एल्बस डम्बलडोर जिसे आपने हैरी पॉटर में देखा था। Fantastic Beasts: The Secrets of Dumbledore में भी इस कैरेक्टर को दिखाया गया है। इस सीरीज में हैरी पॉटर का स्कूल और उससे जुड़े मैजिक भी हैं। हैरी पॉटर को एक शानदार जादूगर बनाने का क्रेडिट प्रोफेसर डम्बलडोर को जाता है।

डंबलडोर ने जीवन के विभिन्न पड़ावों पर हैरी पॉटर को संभाला। एक बच्चे से लेकर एक युवा होने तक उसे बहुत सी चीजें सिखाई, और उसे एक लोकप्रिय सफल जादूगर बना दिया। डंबलडोर की ये बातें अगर आप भी अपने बच्चों को समझाने में कामयाब रहे, तो उनकी जिंदगी में ये बातें फायदेमंद रहेंगी।

आपने भी फिल्म देखने का प्लान बना लिया है तो उससे पहले जानिए जादूगर डम्बलडोर की वो 5 बातें, जो आपका जिंदगी जीने का तरीका बदल देंगी-:

सबसे अंधकार भरे लम्हों में भी खुशियां पाई जा सकती हैं, बस आपको रोशनी जलाना याद रहे

जब आप मुसीबत में होते हैं, तब भी उम्मीद की कोई न कोई किरण हमेशा होती है, बस आपको उसके लिए पॉजिटिव नजर चाहिए। हैरी पॉटर जब बुरे वक्त का सामना कर रहा होता है, तब प्रोफेसर डम्बलडोर उसे मोटिवेट करने के लिए यही बात कहते हैं।

कब काम आएगी ये बात?

आजकल बच्चे मार्क्स, फ्रेंडशिप और रिलेशनशिप्स को लेकर जल्दी स्ट्रेस में चले जाते हैं। अगर आप उन्हें ये बात समझा देंगे तो वो हिम्मत नहीं हारेंगे और उम्मीद की किरण उन्हें हमेशा दिखाई देती रहेगी।

मरो पर दया मत करो हैरी, जो जिंदा हैं उन पर दया दिखाओ, खासतौर से उन पर, जो बिना प्यार के जीते हैं

हैरी पॉटर सीरीज का मैसेज है कि प्यार से कैसे नफरत को जीता जा सकता है। डंबलडोर भी हैरी को यही बताते हैं कि इस दुनिया को सिर्फ प्यार से बदला जा सकता है। लोग बुरे बनते हैं प्यार की कमी से और लोगों में जो भी बुराइयां हैं उन्हें भी सिर्फ प्यार से ही दूर किया जा सकता है। इसलिए प्यार फैलाइए।

इसका एक उदाहरण देखने को मिलता है ड्रैको के कैरक्टर में, जो नफरत से भरा होने के बावजूद हैरी की दोस्ती और प्यार से बदल जाता है।

कब काम आएगी ये बात?

अगर आपके बच्चे स्कूल में दोस्त नहीं बना पा रहे हैं, लोगों से कटे-कटे रह रहे हैं। क्लास में या आस-पड़ोस में उनकी बच्चों से लड़ाई हो गई है तो उन्हें समझाइए कि दुनिया को प्यार की आवश्यकता है और फिर शायद चीजें बेहतर हो सकें।

“ये मायने नहीं रखता कि कोई पैदा कैसे हुआ है, बल्कि ये मायने रखता है कि वो बड़ा होकर क्या बनता है”

यहां डंबलडोर हैरी को समझाते हैं कि इससे फर्क नहीं पड़ता कि हम कहां पैदा हुए, किस माहौल में बड़े हुए। मायने ये रखता है कि जब हम फैसला लेने के काबिल हो गए, तब हम अपने लिए क्या चुनते हैं। जैसे हैरी ने अनाथ होने के बावजूद प्यार को चुना और लॉर्ड वोल्डमॉर्ट ने नफरत।

कब काम आएगी ये बात?

अगर आपका बच्चा अक्सर अपने हालात को लेकर शिकायत करता रहता है। कुछ बच्चे अपनी आर्थिक स्थिति तो कुछ अपने आपको कम टैलेंटेड मानकर परेशान रहते हैं। उन्हें समझाइए कि उनकी जिंदगी इससे डिसाइड नहीं होती कि वो आज क्या हैं, बल्कि वो कल क्या बनना चाहते हैं उससे तय होती है।

“हमारी भाषाओं और आदतों के बीच का फर्क मायने नहीं रखता, अगर हमारे दिल खुले हुए हैं और हमारा लक्ष्य एक है”

यहां डंबलडोर शांति और सद्भावना के साथ जीने का मैसेज देते हैं। जब हैरी पॉटर के दोस्तों को हॉस्टल के अमीर बच्चे परेशान करते हैं और उन्हें गरीब और मगलू (जिनके माता-पिता जादूगर न हो, लेकिन बच्चा जादूगर बनने की कोशिश करे) कहते हैं। तब प्रोफेसर डंबलडोर हैरी पॉटर से ये बात कहते हैं।

इसे आप ऐसे समझें :

  • हम सब रीति-रिवाज और भाषाओं से अलग होकर भी एक हैं।
  • अगर हमें शांति से रहना है तो सभी को मिल-जुलकर रहना चाहिए।
  • दोस्ती करते वक्त जाति-धर्म या अमीरी-गरीबी को बीच में न आने दें।
  • गरीब हो या अमीर, हर किसी की मदद करने की कोशिश करें।

कब काम आएगी ये बात?

अगर आपका बच्चा जाति-धर्म, अमीरी-गरीबी आदि को मानने लगा है। लोगों के साथ चलने की बजाय अकेलेपन में रहने लगा है। उसे समझाएं कि हर इंसान अलग हो सकता है पर मकसद सबका जिंदगी को अच्छी तरह से जीना ही है। हर कोई इस दुनिया में बराबर है और अगर हम सबको साथ लेकर चलेंगे, टीम वर्क करेंगे तो बहुत कुछ अचीव कर पाएंगे।

“यह ठीक नहीं है कि हम सपनों पर ध्यान केन्द्रित करते रहे और जीना भूल जाएं”

हैरी पॉटर को एक जादुई आईने में अपने मर चुके माता-पिता नजर आते हैं और हैरी को उस शीशे से लगाव हो जाता है। तब डंबलडोर हैरी को समझाते हैं कि जीवन में सिर्फ सपनों की दुनिया में खोना ठीक नहीं है, बल्कि जीवन को जीना जरूरी है।

डंबलडोर जानते थे कि बुराई के खिलाफ लड़ाई के लिए हैरी कितना महत्वपूर्ण था और इसलिए वो उसे सपनों की दुनिया से बाहर निकालकर लड़ाई के लिए तैयार करते हैं।

कब काम आएगी ये बात?

अगर आपके बच्चे चीजों पर काम करने की बजाय सिर्फ सपने देखने लगे हैं और हवाई बातें कर रहे हैं। उन्हें बताइए कि सपने देखना अच्छा है पर अपने आपको बेहतर बनाने के लिए हकीकत में काम करना भी जरूरी है।

यह सब तो हुई प्रोफेसर डम्बलडोर से सीखने की बात। हैरी पॉटर की तरह ऐसी कई फिल्में, सीरीज और कॉर्टून है, जिन्हें बच्चे काफी पसंद करते हैं और टीवी पर देखते हैं। जैसे- छोटा भीम, शिन चैन, कोटा फैक्ट्री।

बहुत से लोगों का मानना है कि शिन चैन जैसे कार्टून देखकर बच्चों के दिमाग पर बुरा असर पड़ता है और वो शैतानियां ज्यादा करने लगते हैं। बच्चे हैं तो शैतानियां तो करेंगे ही। ऐसे में उन्हें शैतानियों से रोकने की जगह इस बात पर नजर रखें कि वे क्या देख रहे हैं और कुछ गलत तो नहीं देख रहे।

जब बच्चे टीवी या मोबाइल पर कुछ भी देखें तो माता-पिता इन बातों का ध्यान रखें-

  • बच्चों के टीवी या मोबाइल में कुछ भी देखने का टाइम डिसाइड कर दें।
  • बच्चे क्या देखते हैं, ये जानने के लिए साथ बैठकर टीवी या मोबाइल देखें।
  • बच्चों को हेल्दी प्रोग्राम, कार्टून या सीरीज दिखाने की कोशिश करें।
  • बच्चे ज्यादा टीवी या मोबाइल न देखें, इसके लिए उन्हें बाहर खेलने भेजें।

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